63वें कान फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत हाल ही में 12 मई, 2010 से हुई. फ्रांस का कान शहर वैसे तो हाल ही में बाढ़ से उबरा है, लेकिन उसने जिस व्यवस्थित तरीके से इस समारोह का आयोजन किया वह काबिलेतारीफ है. यह मशहूर फिल्म फेस्टिवल 23 मई तक चलेगा.
कान फिल्म फेस्टिवल वैसे तो यूरोप की फिल्मों के लिए बड़े प्लेटफार्म का काम करता रहा है लेकिन हाल ही में अब यहां एशिया और खासकर भारतीय सिनेमा जगत की फिल्में भी दिखाई जाती हैं. इस बार भी भारतीय हिंदी फिल्म’ आई एम कलाम’ और भोजपुरी फिल्म “जला देब दुनिया तोहरे प्यार में “ समेत कई फिल्में होड़ में हैं.
फासीवादी दखल और उनके अत्याचार को जवाब देने के लिए शुरू हुआ फेस्टिवल
1930 के दशक के आखिर में इटली की फासीवादी सरकार द्वारा ‘मोस्तरा देल सिनेमा दी वेनेजिया‘ फेस्टिवल में फिल्म चुनने में दखल से खफा फ्रांस के शिक्षा मंत्री ने ब्रिटिश और अमेरिकियों की मदद से इंटरनैशनल सिनेमॉटोग्राफिक फेस्टिवल शुरू करने का फैसला किया. इसके आयोजन के लिए कई शहरों ने अपनी दावेदारी पेश की लेकिन अंत में बाजी मारी भूमध्य सागर के तट पर स्थित कान ने और इस तरह जन्म हुआ ‘ली फेस्टिवल इंटरनैशनल दी कान‘ का. पहला कान फिल्म फेस्टिवल 1 से 30 सितंबर 1939 के बीच हुआ. जर्मनी के खिलाफ लड़ाई छिड़ने के बाद इसमें रुकावट आई और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसे नए सिरे से शुरू किया गया.
रेड कार्पेट का जलवा
कान फिल्मोत्सव को जिस बात ने अंतराष्ट्रीय पहचान दी है वह है इसकी बेशुमार चमक-दमक और रेड कार्पेट. रेड कार्पेट पर चलना अब विश्व भर की अभिनेत्रियों का सपना बन चुका है. इस ग्लैमरस कारपेट पर चलना हर किसी को भाता है. जहां तक भारतीय अभिनेत्रियों की बात करें तो पहले भी ऐश्वर्या रेड कार्पेट पर चल चुकी हैं, लेकिन इस बार पहली बार अभिनेत्री दीपिका पादुकोणे इस फिल्मोत्सव का हिस्सा बन रही हैं.
शुरुआत हुई राबिन हुड से
कान फिल्मोत्सव की शुरआत रसेल क्रो और केट ब्लैंकेट स्टारर हॉलीवुड फिल्म “ राबिन हुड” के प्रदर्शन के साथ शुरू हुई. इस आयोजन की शुरुआत जिस तरह 3 डी अप से शुरु हुई उससे संदेश साफ था कि भविष्य में “अवतार” जैसी थ्री डी फिल्मों का भविष्य उज्जवल है. फिल्मोत्सव में हर बार की तरह यूरोप की सबसे बेहतरीन फिल्मों के साथ अन्य भूभागों की फिल्में भी प्रदर्शित हो रही हैं.
भारत इस फिल्मोत्सव के जरिए अपनी पहचान बनाना चाहता है और इसीलिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अपने अधिकारियों समेत फिल्म जगत की कुछ बड़ी हस्तियों से सज्जित एक कमेटी को भी यहां भेजा है. हालांकि अबिंका सोनी ने इतिहास बनाने के लिए खुद जाने की बजाए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को भेजा और उनका संदेश साफ था कि हीरे की परख जौहरी को ही होती है, इसलिए जो काम जिसका है कम से कम उन्हें तो शामिल करें. यह शायद अन्य सरकारी महकमों के लिए एक उदाहरण है.
इस वर्ष भारतीय फिल्मों में सबसे अहम है कलाम से प्रेरणा लेती फिल्म ‘आई एम कलाम’. यह कहानी एक बच्चे की बचपन में की गई मेहनत और दृढ संकल्प के सहारे वैज्ञानिक बनने की है जिसमें अबुल कलाम की झलक दिखाई देती है. वास्तव में फिल्म है भी उन्हीं के ऊपर. दूसरी फिल्म दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत
और दक्षिण-पूर्व एशिया पर इसके असर को लेकर बनी ‘डॉक्युमेंट्री ए डिफरेंट’ है. इसके निर्देशक एस. कृष्णास्वामी हैं. वैसे इस फेस्टिवल से पहली बार नॉर्थ-ईस्ट आगाज कर रहा है. इसमें 15 मिनट की नगा फिल्म ‘लास्ट ऑफ द टैटूड हेड हंटर्स’ को भी चुना गया है, जो नगाओं की हंटिंग पर आधारित है.
भारतीय अभिनेत्रियों का जलवा
ऐश्वर्या राय
ऐश्वर्या यहां अपनी इंटरनेशल इमेज और अपकमिंग फिल्म “रावण ” के लिए आई हैं. वैसे भी ऐश्वर्या और रेड कार्पेट का रिश्ता पुराना है. हर साल से अलग इस साल ऐश्वर्या थोडा पश्चिमी लिबास में दिखीं. उन्होंने इली साब का डिजायन किया हुआ बैंगनी रंग का गाउन पहना हुआ था. एक बार और खास थी कि वह अपने पति अभिषेक के साथ थीं. वह जब हल्के बैंगनी रंग का गाउन पहने और खूबसूरत हेयरस्टाइल के साथ रेड कारपेट पर उतरीं तो सबकी निगाहें ऐश पर ही टिक गईं. “रावण” दो भाषाओं में तैयार की गई है और इसका निर्माण रिलायंस कंपनी- बिग पिक्चर्स ने किया है. यह जून में सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी.. पूर्व मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय की फिल्म देवदास 2002 में कान फिल्म समारोह में दिखाई गई थी. इसके बाद से वह लगातार इस समारोह में शिरकत करती आई हैं.
दीपिका ने दी ऐश्वर्या को जबरदस्त टक्कर
पहली बार फिल्मोत्सव मॆं भाग लेने गई दीपिका ने मानों अपनी कातिल अदाओं से ऐश्वर्या को जला ही दिया. दीपिका जब रेड कार्पेट पर साड़ी पहन कर उतरीं तो सब सन्न रह गए. जहां एक तरफ सभी अभिनेत्रियां पश्चिमी परिधानों में थीं, दीपिका ने भारतीय साड़ी पहन सबके होश उड़ा दिए. प्रख्यात डिजाइनर रोहित बल ने दीपिका के लिए सफेद रंग की मैरून बार्डर वाली साड़ी तैयार की थी. दीपिका ने माथे पर चमकती बिंदी लगायी हुई थी और बालों को पीछे कसकर बांधा हुआ था जिससे उनकी गर्दन पर पहले प्यार की निशानी ‘आर के’ का टैटू साफ दिख रहा था. दीपिका शिवाज रीगल की ब्रांड एम्बेसडर के रूप में फिल्मोत्सव में शिरकत कर रही हैं.
इच्छाधारी नागिन बनीं मल्लिका शेहरावत
इन दोनों से आगे जिस अभिनेत्री ने बेशक भारतीय संस्कृति के विपरीत लेकिन पश्चिमी अदांज में शिरकत की वह है मल्लिका. मल्लिका अपनी फिल्म “हिस्स” और “लव बराक” के प्रोमोशन के लिए यहां हैं. लेकिन जिस बात ने उन्हें यहां चर्चाओं में बनाए रखा वह थी उनका अंगप्रदर्शन और सांपो से प्यार. कहा जा रहा है कि मल्लिका हिस्स में इच्छाधारी नागिन बनी हैं और उसी के चलते उन्होंने अपना सर्प प्रेम जगजाहिर किया . लेकिन जहां तक परिधान की बात थी तो वह थोड़ा लो प्रोफाइल रहा. उन्होंने उद्घाटन समारोह में सफेद रंग का गाउन और बाद में पार्टी में लाल रंग का सादा गाउन पहना. लेकिन इन सब की कमी उन्होंने फोटो शूट में पूरी कर दी, उन्होंने यहां जमकर अंगप्रर्दशन किया और सांपो को भी आजमाया.
23 मई तक चलेगा फेस्टिवल
अभी यह फेस्टिवल 23 मई तक चलेगा. हर दिन कई कलाकारों के कामों की समीक्षा होगी और रेड कार्पेट पर जलवे बिखेरे जाएंगे. आगे भी हम आपके लिए कान फिल्मोत्सव से खास और बेहतरीन खबरे लाते रहेंगे.
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