एक समय था जब डब्ल्यू डब्ल्यू एफ का नाम सुनते ही बच्चे और युवा रोमांचित हो उठते थे. कुश्ती और मार-पीट के साथ ग्लैमर की चकाचौंध उस समय किसी अन्य खेल में थी ही नहीं. बात है 1980 और 90 के दशक की, जब डब्ल्यू डब्ल्यू एफ का नाम सुनते ही युवा वर्ग रोमांच की सभी सीमाओं को पार कर जाता था. नेशनल रेसलिंग अलाईंस के नाम से लेकर आज के डब्ल्यू डब्ल्यू एफ का सफर इतना आकर्षक और रोमांचित करने वाला है कि आपके रोएं खड़े हो जाएं और मन आवेशित हो जाए. हालांकि आज के दौर में जब विज्ञान की मदद से इस खेल के सभी दाव-पेंच की अंदरुनी बातें खुल चुकी हैं तब भी इसकी लोकप्रियता घटने की बजाय बढ़ी है.
अगर डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के इतिहास की बात की जाए तो इसकी नींव रखी थी रोडरिक मैकमोहन ने. रोडरिक एक बॉक्सिंग प्रमोटर थे लेकिन वर्ष 1953 में उन्होंने रेमंड मोंड के साथ मिलकर नेशनल रेसलिंग अलाईंस शुरु की जिसके अंतर्गत अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के पहलवानों को एक नया मंच प्रदान किया गया.
जल्द ही विश्व भर में नेशनल रेसलिंग अलाईंस की ख्याति फैल गई. वर्ष 1963 में आंतरिक कलह की वजह से नेशनल रेसलिंग अलाईंस को छोड़ कर दिग्गजों ने एक नई संस्था बनाई जिसे नाम दिया वर्ल्ड वाइड रेसलिंग फेडरेशन(WWWF).
1980 में पहली बार वर्ल्ड वाइड रेसलिंग फेडरेशन और इस खेल का प्रसारण टीवी पर हुआ. लोग जो पहले इसे सिर्फ स्टेडियम में देखते थे वह अब इसे अपने टीवी पर देख कर और भी खुश हो गए. और 1990 के दशक में जब टीवी और केबल आम होने लगा तो इसका बुखार पश्चिमी देशों के साथ भारत जैसे एशियाई देशों में भी दिखने लगा.
कहते हैं कि इतिहास में कुछ नही रखा, जो होता है आज का समय होता है. इस खेल में भी अगर आप इतिहास को देखेंगे तो उतना मजा नहीं आएगा लेकिन हां जो रोमांच पहले के लड़ाकों में था उसकी कमी आज जरुर है और शायद इसी वजह से रेसलिंग के इस खेल में भी कई सितारे इतिहास के पन्नों में गुम होने की बजाय आज भी जिंदा है. स्मैकडाउन, रॉ, इसीडब्ल्यू आदि कई दैनिक शो द्वारा आज इसकी ख्याति विश्व भर में फैल चुकी है.
हम ऐसे ही कुछ सितारों के बारे में लेकर आए हैं जिनके बारे में आपने सुना तो जरुर होगा बेशक आप रेसलिंग देखते हो या ना देखते हों.
हल्क होगन: हल्क होगन जिनका असली नाम टेरी ज़ीन बोलिआ है, रेसलिंग की दुनिया के पहले सुपरस्टार माने जाते हैं. वैसे उनसे पहले भी कई सितारे थे मगर जितनी लोकप्रियता उन्होंने बटोरी वह कोई और न कर पाया. हल्क होगन ने अपने कैरियर की शुरुआत 1982 में की.
वर्ष 1984हल्क के कैरियर में एक मोड़ की तरह आया जब उन्होंने बॉब को हरा कर विश्व हैविवेट चैम्पियनशिप अपने नाम की. इसके बाद तो जैसे दुनिया हल्क होगन की दीवानी हो गई. उनका फिल्मी स्टाइल दुनिया को इस कदर भाया कि हल्क होगन को लोग हॉलिवुड होगन और हल्कमानिया जैसे नामों से पहचानने लगे. इसके साथ ही उनका फिल्मी कॅरियर भी बड़ा रोचक रहा.
स्टाइल और अदाओं के इस जादूगर के नाम पर आज भी लोग रेसलिंग को एक मनोरंजक चीज के रुप में देखते हैं.
ब्रेड हार्ट(द ग्रेट हिटमैन): असल जिंदगी में एक लेखक ने जब एक टीवी शो में रेसलिंग के चैम्पियन रिक फ्लेयर को मैच के लिए ललकारा तो किसी ने सोचा न था कि यह लेखक और शांत सा दिखने वाला इंसान रेसलिंग की दुनिया में अपनी ऐसी पैठ जमा लेगा कि लोग उसे आने वाले समय तक याद रखेंगे.
अपने खेल से ज्यादा अपनी निजी जिंदगी और अपने दाव-पेंच की वजह से लोग उन्हें याद करते हैं साथ ही रिटायरमेंट के बाद भी उनका इस मंच पर बार-बार आना लोग बहुत पंसद करते हैं.
अंडरटेकर: मार्क विलियम के नाम से शायद आप परिचित न हों लेकिन ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपने कभी अंडरटेकरका नाम न सुना हो. अपने दमदार खेल और अपनी प्रतिभा से दुनिया भर में बच्चों और जवानों को जैसे उन्होंने काबू कर रखा था. लेकिन इस खिलाड़ी के नाम के साथ कई ग्रंथियां भी जुड़ी हैं जैसे कई लोगों का मानना है कि उन्होंने अपने परिवार का कत्ल किया है और अपने छोटे भाई कैन को भी जलाया है. कुछ उन्हें मरा हुआ जिंदा मानते हैं हालांकि ऐसी बातों पर यकीन करने वालों से ज्यादा तादाद उनके खेल के प्रशंसकों की है. यहां तक कि भारतीय सिनेमा जगत में भी वह काफी लोकप्रिय हैं. 90 के दशक की ही फिल्म “खिलाड़ियों का खिलाड़ी” में उन्होंने बतौर एक्टर काम भी किया था.
वह एक मात्र ऐसे सितारे हैं जो काफी समय से रेसलिंग की दुनिया में बने हुए हैं.
स्टोन कोल्ड: नए जमाने की रेसलिंग में सबसे ज्यादा नाम उन सितारों ने कमाया जिनके पास नए और दमदार दाव के साथ स्टाइल था. इस परंपरा को सबसे पहले शुरु किया अंडरटेकर ने जो जब आते थे तो पूरे मैदान में अंधेरा हो जाता था और बैकग्राउंड म्युजिक आरंभ हो जाती थी. इसी क्रम में स्टोन कोल्ड ने अपने कॅरियर की शुरुआत की. दमदार दाव, जानदार शरीर और स्टाइल के साथ जब 1998 में उन्होंने चोटिल होने के बाद भी डब्ल्यू डब्ल्यू एफ की चैम्पियनशिप जीती तो जानकारों ने उन्हें रेसलिंग की दुनिया का तूफान कहना शुरु कर दिया.
अपनी बियर की बोतलों और GEN-X लिखी टी-शर्ट को स्टेडियम में उड़ाने के लिए लोग उन्हें आज भी याद करते हैं साथ ही उनका फिल्मी सफर भी काफी कमाल का था.
शॉन माइकल: द हर्ट ब्रेक किड के नाम से मशहूर शॉन रेसलिंग की दुनिया के सबसे अनुभवी लोगों में से माने जाते हैं जिन्होंने अपनी जिन्दगी के 22 साल इस खेल को समर्पित किए.
उनके जैसा स्टाइल आज तक किसी खिलाड़ी के पास नहीं है. और उनके प्रशंसको की संख्या देखनी हो तो उनके पुराने मैच देखने होंगे जब लड़कियां उन्हें छूने तक को मरती थी. उन्हें मिस्टर रेसलमेनिया के नाम से जाना जाता है. रेसलमेनिया में आज तक उन्हें कोई नहीं हरा पाया. 1996 में उनका प्लेबॉय मैगजीन में छपा फोटो आज भी अमेरिका के कई घरों में टंगा मिल जाता है. वह असल मायनों में फाइटर हैं.
द रॉक: रॉकका असली नामड्वेन जॉनशन है. रेसलिंग में बेशक इनका कैरियर छोटा हो लेकिन जब तक यह रेसलिंग की दुनिया में थे उन्हें सुपरस्टार की नई पीढ़ी के तौर पर जाना जाता था. अपने दमदार खेल और स्टाइल से उन्होंने अपनी लोकप्रियता को छोटे समय में ही विश्व भर में फैला दिया था.
आज भी जब कभी सबसे सर्वश्रेष्ट रेसलर्स की बात आती है तो रॉक का जिक्र होता ही है. एक पेशेवर अभिनेता होने के बावजूद उन्होंने रेसलिंग में भी इतना नाम कमाया कि फिल्मों में भी उनका वही किरदार नजर आने लगा.
सन 2000 में उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी थी जो आज भी न्यूयॉर्क ऑल टाइम बेस्ट सेलर बुक है.
जॉन सीना: अगर हम आज की बात करें तो निर्विवाद रूप से लोगों की पहली पसंद जॉन सीना हैं. पेशे से अमेरिकन अभिनेता और हिप हॉप गायक जॉन ने रेसलिंग कॅरियर की शुरुआत वर्ष 2000 से की और 2005 में उन्होंने पहली बार चैम्पियनशिप में विजय हासिल की. उनकी लोकप्रियता की सबसे बडी वजह उनका स्टाइल और उनका जुझारुपन है. एक दमदार रेसलर होने के साथ उनका समाजसेवा आदि की तरफ रुझान भी उन्हें स्टाइल आइकॉन बनाता है.
हालांकि रेसलिंग में और भी कई सितारे हैं जिनका जिक्र किए बिना यह लेख पूरा हो ही नहीं सकता जैसे बड्डी रोजर, बिल्ली ग्राहम, रिक फैलयर, केन, ट्रिपल एच, कर्ट एंगल, बतिश्ता आदि लेकिन जगह की कमी की वजह से हम आपको सिर्फ कुछ चेहरों से ही रुबरु करा रहे हैं.
भारत एक ऐसी जगह है जहां विश्व की हर प्रसिद्ध चीज के प्रति दीवानगी ज्यादा होती है. रेसलिंग के क्षेत्र में भी भारत का नाम रोशन हुआ है. द ग्रेट खली के नाम से अमेरिका में तहलका मचाने वाले पंजाब पुलिस के इस सिपाही ने भारत का नाम विश्व भर में रोशन किया है. अपने ताकतवर शरीर और हिन्दी बोलने की स्टाइल से लोगों में उसकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है. दिलीप सिंह राणा के नाम से शुरुआत कर खली बनते बनते उन्होंने रेसलिंग के कई महारथियों को धूल चटाई.
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एक और खास बात डब्ल्यू डब्ल्यू ई में होने वाली लडाइयां पेशेवर खिलाड़ियों द्वारा लड़ी जाती हैं जिसके लिए वह काफी लंबे समय तक ट्रेनिंग लेते हैं. यह बात खुद यह रेसलर अपनी जुबानी भी बताते हैं इसलिए ऐसे खेलों की नकल कर आप खुद को चोट पहुंचा सकते हैं. यह सिर्फ मनोरंजन के लिए होता है, मात्र मनोरंजन के लिए. इसलिए आगे से जब भी आप यह खेल देखें तो मान कर चलें कि इसमें असलियत जैसा ना के बराबर है अगर कुछ है तो साफ-सुथरा मनोरंजन.
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