शहंशाह जहां खड़े हो जाते हैं लाइन वहीं से शुरु हो जाती है. आज भारतीय सिनेमा के बिग बी यानी अमिताभ बच्चन का 68 वां जन्मदिवस है. 40 सालों से बॉलिवुड में टॉप के कलाकार सहित उन्होंने अपने परिवार को भी अपने साथ बांध कर रखा. एक अभिनेता के अलावा, अभिताभ एक गायक, निर्माता और सांसद की भूमिका भी निभा चुके हैं.
68 की उम्र में भी आज वे बॉलीवुड के सबसे व्यस्त अभिनेताओं में गिने जाते हैं. शुरू में जिस भारी आवाज़ के कारण निर्देशकों ने अमिताभ को अपनी फिल्मों से लेने को मना कर दिया था, वही आवाज़ आगे चलकर उनकी विशिष्टता बनी. न सिर्फ बडे पर्दे पर बल्कि छोटे पर्दे पर भी उन्होंने अपना जादू कायम रखा.
अमिताभ बच्चन का शुरुआती नाम “इंकलाब श्रीवास्तव था. लेकिन आजादी के बाद उनका नाम उनके पिता की कृतियों के पीछे के नाम बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन हो गया.
अमिताभ बच्चन प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय “बच्चन” और तेजी बच्चन के बेटे हैं. उनका एक भाई अजिताभ बच्चन है. उनका जन्म इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ. उन्होंने शेरवूड कॉलेज, नैनीताल और किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली विश्वविध्यालय से पढाई पूरी की और कलकत्ता की ‘शो एंड वाल्लेस’ में काम किया. अमिताभ और राजीव गांधी गहरे दोस्त थे, और उन्हीं के कहने पर अमिताभ ने राजनीति में कदम रखा था.
शुरुआत में उन्हें भारी आवाज़ के चलते निर्देशकों ने अपनी फिल्मों में लेने से इनकार कर दिया. हालांकि उनकी भारी आवाज़ को पृष्ठभूमि में इस्तेमाल किया गया और उन्होंने रेडियो में भी काम किया. अमिताभ ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1969 में ‘सात हिन्दुस्तानी’ से की. हालांकि फिल्म कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पायी पर अमिताभ को राष्ट्रीय पुरस्कार(नवांगतुक अभिनेता) से सम्मानित किया गया.
लेकिन इस फिल्म के बाद उनके सितारे गर्दिश में जाते दिखे. 1971 में उन्होंने उस वक़्त के सुपरसटार राजेश खन्ना के साथ ‘आनंद‘ में काम किया, हालांकि फिल्म में राजेश खन्ना के होने की वजह से अमिताभ का किरदार दबा हुआ रहा पर उन्हें फिल्मफेयर सह कलाकार का पुरस्कार जरुर मिला. उसके बाद तो असफलता का जो दौर आया वह बेहद खराब रहा. 17 फिल्में करने के बाद भी अमिताभ एक बड़ी सफलता के इंतज़ार में थे इसी समय 1973 में प्रकाश मेहरा ने उन्हें ‘जंजीर‘ फिल्म में काम करने का अवसर दिया. अमिताभ को यह किरदार प्राण के कहने पर मिला. और यह फिल्म उस समय की एक सफल फिल्म बन गई. इस फिल्म से उन्हें ‘एंग्री यंग मैन‘ का नाम मिला. जल्द ही वह बॉलिवुड के शीर्ष कलाकारों में से एक हो गए.
1984 में अमिताभ ने अभिनय से कुछ समय के लिए विश्राम ले लिया और अपने पुराने मित्र राजीव गांधी के सहयोग में राजनीति में कूद पड़े. उन्होंने इलाहाबाद लोक सभा सीट से उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बहुगुणा को आम चुनाव के इतिहास में(68.2 %) के मार्जिन से विजय दर्ज करते हुए चुनाव में हराया था. हालांकि इनका राजनैतिक कैरियर कुछ अवधि के लिए ही था, जिसके तीन साल बाद इन्होंने अपनी राजनैतिक अवधि को पूरा किए बिना त्याग दिया. इस त्यागपत्र के पीछे इनके भाई का बोफोर्स विवाद में अखबार में नाम आना था, जिसके लिए इन्हें अदालत में जाना पड़ा. इस मामले में बच्चन को दोषी नहीं पाया गया.
एबीसीएल और निराशा का दौर
अमिताभ ने 90 के दशक में निर्देशन के क्षेत्र में भी हाथ आजमाने की सोची, लेकिन कई कारणों से उनकी होम प्रोडेक्शन कंपनी एबीसीएल का दिवाला निकल गया और अमिताभ पर आर्थिक संकट छाने लगा.
कौन बनेगा करोड़पति से फिर की वापसी
एबीसीएल के दिवालिया होने के बाद अमिताभ ने टीवी के सहारे वापसी करने की सोची. उन्होंने टीवी पर कई छोटे-बड़े एड किए और कौन बनेगा करोड़पति में अपने आप को एक सफल एंकर के तौर पर प्रस्तुत किया. बच्चन ने केबीसी का आयोजन नवंबर 2005 तक किया और इसकी सफलता ने फिल्म की लोकप्रियता के प्रति इनके द्वार फिर से खोल दिए.
इसके साथ ही उन्होंने कई सारी फिल्मों में गाने भी गाए हैं. उनका फिल्मों में मनपसंद नाम विजय रहा और 20 से ज्यादा फिल्मों में ये नाम इस्तेमाल किया गया. अभिनेत्री ‘निरूपा रॉय’ ने अधिकतम फिल्मों में उनकी मां का किरदार निभाया और इसी कारण उन्हें अमिताभ की पर्दे की मां भी कहा जाता था.
पुरस्कार
1969 | राष्ट्रीय पुरस्कार: सात हिन्दुस्तानी |
1971 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार पुरस्कार: आनंद |
1973 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार पुरस्कार: नमक हराम |
1975 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ कलाकार पुरस्कार:दीवार |
1977 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ कलाकार पुरस्कार: अमर अकबर एन्थोनी |
1978 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ कलाकार पुरस्कार: डॉन |
1990 | राष्ट्रीय पुरस्कार: अग्निपथ |
1991 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ कलाकार पुरस्कार:हम |
2000 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सह कलाकार पुरस्कार:मोहब्बतें |
2001 | फिल्मफेयर समीक्षक पुरस्कार: अक्स |
2005 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ कलाकार पुरस्कार:ब्लैक फिल्मफेयर समीक्षक पुरस्कार:ब्लैक राष्ट्रीय पुरस्कार: ब्लैक |
2009 | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार: पा |
उम्मीद है यह सफर आगे भी इसी तेजी और कामयाबी से आगे बढ़ता रहेगा. बॉलिवुड में इस सितारे की चमक जगमगाती रहेगी. जन्मदिन की ढ़ेरों बधाइयां अमिताभ जी.
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