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मर्लिन मुनरो: हसीना जिसका जादू कभी कम नहीं हुआ


Hollywood legend Marilyn Monroeबॉलीवुड हो या फिर हॉलीवुड, ऐसे कलाकारों की फेहरिस्त बहुत लंबी नहीं, जिनकी जिंदगी खत्म होने के बाद भी वे चर्चा में बनी हों. हॉलीवुड के ऐसे कलाकरों की बात करें तो पहला नाम दिमाग में आता है मर्लिन मुनरो का. श्वेत वर्णीय और सुनहरे बालों वाली हॉलीवुड की बॉम्बशेल कही जाने वाली मर्लिन मुनरो की यादें और बातें आज भी उतनी ही ताजा हैं, जितनी वे छह दशक पहले हुआ करती थीं. मौत के इतने वर्षो बाद भी मर्लिन के सुर्खियों में बने रहने की कोई एक वजह नहीं है. हाल ही में उनकी एक सेक्स वीडियो की निलामी हुई तो वहीं दूसरी और शिकागो के मिशिगन एवेन्यू में मर्लिन की 26 फीट उंचे स्टैच्यू का प्रदर्शन किया गया.


Marilyn Monroe36 साल की छोटी-सी जिंदगी में मर्लिन ने सफलता की बड़ी कामयाबी देखी. करियर की शुरुआत तो उन्होंने मॉडलिंग से की, लेकिन जल्दी ही उन्हें फिल्मों में भी आने का मौका मिल गया. अपनी प्रतिभा के दम पर मर्लिन ने अपने चाहने वालों के दिल में जगह बनाई, बल्कि “बाफटा” और “गोल्डन ग्लोब” जैसे अवार्ड जीतने में भी कामयाब रहीं. काम के प्रति उनकी लगन का ही फल था कि मर्लिन को पॉप और कल्चरल आइकॉन की संज्ञा दी जाती है. यही नहीं, अमेरिकन फिल्म इंस्टीटयूट तो उन्हें “ग्रेटेस्ट फीमेल स्टार ऑफ ऑल टाइम” की फेहरिस्त में छठे पायदान पर रखा है. मर्लिन मूनरो की जिंदगी भले ही छोटी रही, लेकिन इस छोटी-सी जिंदगी में अपने काम और काम के प्रति समर्पण की वजह से “लार्जर दैन लाइफ” बन गई.


Fore ever Marliynहाल ही में उनकी एक मूर्ति का उदघाटन किया गया. “फॉरएवर मर्लिन” (Forever Marilyn) नाम वाले इस स्टैच्यू को सेवर्ड जॉनसन (Seward Johnson) ने बनाया है. मर्लिन का यह स्टैच्यू पायनियर कोर्ट में 2012 तक प्रदर्शन के लिए लगी रहने वाली है. स्टैच्यू की खासियत यह है कि मुनरो को इस स्टैच्यू में उन्हीं की फिल्म द सेवेन ईयर इच के एक पोज में दिखाया गया है. सन 1955 में रिलीज हुई फिल्म में मर्लिन का यह पोज बेहद लोकप्रिय हुआ था और हिंदी की कई फिल्मों में भी उनके इस स्टाइल की नकल हुई. सफेद रंग की इस हॉल्टर टॉप ड्रेस में मर्लिन बेहद खूबसूरत भी लगी थीं.


दूसरी तरफ मर्लिन मुनरो के फिल्म स्टार बनने से पहले बनाई गई उनकी कथित सेक्स फिल्म को नीलामी में कोई खरीददार नहीं मिला. यह फिल्म 1940 के दशक में बनी थी. आठ मिनट की यह फिल्म तब बनाई गई थी जब मुनरो बेहद गरीब थीं और फिल्मी दुनिया में आने के लिए संघर्ष कर रही थीं. उस वक्त मुनरो का नाम नोर्मा जीन बेकर (Norma Jeane Baker) था.


फिल्मी दुनिया में ऐसी कई सख्सियतें हैं जो अपनी मौत के बाद भी समान रुप से चर्चा मे रहती हैं जैसे वह अपने जिंदा होने पर होती थी और कई बार तो वह उससे भी ज्यादा चर्चित हो जाती हैं. ठीक इसी तरह मर्लिन का जादू भी लोगों के दिलों पर सदाबहार है.



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