एक समय था जब बॉलिवुड में महिला प्रधान फिल्में चलती ही नहीं थीं. इक्का-दुक्का फिल्में चल जाती थीं तो वह इतिहास बन जाती थीं. लेकिन अब दौर बदल चुका है. अब तो महिलाओं को विषय बनाकर कोई भी फिल्म बना दो वह चलती ही है. अब विद्या बालन को ही ले लो. उन्होंने हाल में जो भी फिल्में की हैं वह महिला-प्रधान हैं और सभी पर्दे पर सुपरहिट रही हैं. पा, इश्किया और नो वन किल्ड जेसिका के बाद द डर्टी पिक्चर उनकी लगातार चौथी सफल और प्रशंसित फिल्म है.
सेक्स, मसाला और म्यूजिक से भरी द डर्टी पिक्चर भी “मर्डर 2” और “देल्ही बेली” की तरह गरम होने के बाद भी हिट हो गई. माना जाता है कि हीरोइन ओरिएंटेड फिल्मों को दर्शक नहीं मिलते. द डर्टी पिक्चर ने फिल्म ट्रेड की इस धारणा को झुठला दिया है. द डर्टी पिक्चर ने वीकेंड पर 30 करोड़ से अधिक कमा कर सबको चौंका दिया. फिल्म इस कदर हिट होगी किसी ने सोचा ना था पर विद्या के जादू और नसीरुद्दीन और इमरान हाशमी के डायलॉग ने सबको सिनेमाघरों तक खींच ही लिया.
द डर्टी पिक्चर मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन के दर्शकों के बीच समान रूप से देखी जा रही है. इस तरह की फिल्म हिन्दी सिनेमा में कम ही देखने को मिलती है और यही वजह है कि आम और खास सभी इस फिल्म को देखना चाहते हैं. ऊपर से जब यह फिल्म टीवी पर आएगी तो इसके कई दृश्यों पर कैंची चल चुकी होगी इसलिए ज्यादातर लोग इस फिल्म को सिनेमाघरों में ही देखना पसंद कर रहे हैं.
आलम यह है कि ऑफिसों से लेकर कॉलेजों तक इस फिल्म को एक बार देखने की चर्चा है. कुछ छुपकर तो कुछ दोस्तों की टोली बनाकर इस फिल्म का आनंद लेना चाहते हैं. वैसे उन लोगों की संख्या बेहद कम या कहें ना के बराबर है जो इस फिल्म को परिवार वालों के साथ देखने की सोच रहे हैं. लेकिन इस फिल्म को देखने वालों में कपल्स की तादाद ज्यादा है.
इस फिल्म में वह सब है जो दर्शकों को ढाई घंटे तक सिनेमाघर में रोक सकता है. फिल्म में सेक्स का मसाला, डायलॉगों का तड़का और बेहतरीन गानों का मेल है जो दर्शकों को बांधे रखेगा. हालांकि यह फिल्म हिन्दी सिनेमा के बिगड़े स्वरूप को भी दिखाता है जो खुलेपन की आड़ में नग्नता का प्रचार कर रहा है.
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