कुछ समय पहले करीना कपूर ने हिन्दी सिनेमा में “साइज जीरो” का ट्रेंड ला दिया था जिसके बाद जिस अभिनेत्री को देखो वजन कम करने में लग गई थी. शुरूआत में हरी-भरी बिपाशा बासु ने भी खुद को साइज जीरो तक ला दिया. नतीजा पूरी इंडस्ट्री में पतली हिरोइनों की लाइन लग गई. इस ट्रेंड से जहां कुछ हिरोइनों को फायदा हुआ तो कुछ को नुकसान क्यूंकि साइज जीरो की चाह में कई हिरोइनें इतनी पतली हो गईं कि लकड़ी का टुकड़ा लगने लगीं. फिर आईं फिल्म “वीर” की जरीन खान. जरीन खान ने “वीर” में एक राजकुमारी का रोल किया और अपने किरदार के लिए उन्होंने वजन कम करने की जगह बढ़ाया. फिल्म तो औसत रही पर उसकी हिरोइन जरीन खान को सबने पसंद किया. और उसके बाद आईं साल 2010 की सुपरहिट फिल्म “दबंग” में सोनाक्षी सिन्हा जिन्होंने तंदुरूस्त होते हुए भी अपने किरदार को सुपरहिट करवा दिया.
इन दो फिल्मों ने तो जैसे बॉलिवुड के साइज जीरो ट्रेंड को ही खत्म कर दिया. हाल ही में आई फिल्म “द डर्टी पिक्चर” के लिए तो विद्या बालन ने अपना वजन बहुत बढ़ाया था. 12 किलो वजन बढ़ाने वाली विद्या बालन अपने नए शरीर के डील डौल को लेकर शर्मिंदा नहीं हैं. उनके इस लुक को फिल्म द डर्टी पिक्चर के लिए बहुत सराहा गया है.
अब पतली दुबली अभिनेत्रियों को छोड़कर, 70 और 80 के दशक वाली सुडौल काया का दौर आ चुका है. फिल्मकार इसके पीछे वजह मानते हैं कि भारतीय पुरुषों को ऐसी ही काया पसंद है. भरा हुआ शरीर दर्शकों को ज्यादा आकर्षित करता है.
विद्या बालन के बाद करीना कपूर भी साइज जीरो के भूत से बाहर आ चुकी हैं. उनकी हाल ही में आई फिल्म रा वन में वह कुछ मोटी और सुडौल लगीं. अब करीना आने वाली फिल्में एजेंट विनोद और एक और एक तू में भी ज्यादा वजन के साथ दिखेंगी.
अधिक वजन के साथ अभिनेत्रियों का फिल्मों में आना उन सभी महिलाओं के लिए संतोष की बात है जो खुद के मोटे शरीर से परेशानी और शर्मिंदगी महसूस करती थीं.
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