हाल ही में रिलीज हुई “द डर्टी पिक्चर” की सफलता ने सभी फिल्मकारों को बोल्ड फिल्मों की तरफ रुख करने का अच्छा मौका दिया है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब हिन्दी सिनेमा को बोल्ड फिल्मों में ऐसी सफलता मिली कि ट्रेंड ही बदल गया. इससे पहले मर्डर और जिस्म जैसी फिल्मों ने तो एक समय जैसे हिन्दी सिनेमा को सिर्फ एक ही विषय पर केन्द्रित फिल्में बनाने पर विवश कर दिया था और वह विषय था “सेक्स”. लेकिन हिन्दी सिनेमा के स्वर्ण युग में भी ऐसी कई फिल्में आई हैं जो डर्टी और विवादित होने के बाद भी हिन्दी सिनेमा की चर्चित फिल्में मानी जाती हैं.
जूली, सत्यम शिवम सुन्दरम, राम तेरी गंगा मैली हो गई, मर्डर और जिस्म कुछ ऐसी फिल्में हैं जिन्होंने हिन्दी सिनेमा के रंग को बदला और उसे बोल्ड बनाया. तो आइए आपको लेकर चलते हैं एक डर्टी सफर पर:
जूली: साल 1975 में बनी यह फिल्म अपने समय की सबसे बोल्ड फिल्म मानी जाती है. इस फिल्म में श्रीदेवी ने एक बाल कलाकार का किरदार निभाया था. यह अपने समय की एक सुपरहिट फिल्म थी. फिल्म की कहानी बहुत सरल थी पर समाज के कड़वे सच को भी दिखाती थी जहां तथाकथित प्रेमी देह की लालसा में लड़कियों को अपनी वासना का शिकार बनाते हैं और उसे बिन ब्याही मां बना छोड़ देते हैं. ऐसे में वह लड़की कैसे इस समाज का सामना करती है यही फिल्म की कहानी है. इस फिल्म के लिए अभिनेत्री लक्ष्मी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था. फिल्म की खासियत यह थी कि इसमें सेक्स सिर्फ तड़के के रूप में इस्तेमाल किया गया था और विषय की गंभीरता को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया था.
राम तेरी गंगा मैली हो गई (1985): हिन्दी सिनेमा के शोमैन राजकपूर द्वारा बनाई गई इस फिल्म में ऐसे कई दृश्य थे जो शायद ही कभी हिन्दी सिनेमा की किसी फिल्म में दिखाए गए थे. फिल्म में कई अर्द्धनग्न दृश्य भी थे जिसे सेंसर ने तो काट दिए थे लेकिन इसके बाद भी सेंसर इस फिल्म पर काफी मेहरबान रहा. फिल्म के टाइटल को लेकर भी काफी बवाल हुआ पर आखिरकार तमाम कोशिशो के बाद जब फिल्म पर्दे पर आई तो उसने कमाल कर दिखाया. लोग मंदाकिनी के हुस्न और एक स्त्री के संघर्ष को देखने सिनेमाघरों में टूट पड़े. इस फिल्म ने राजकपूर के गिरते हुए कॅरियर को नई उड़ान दी.
सत्यम शिवम सुन्दरम: 1978 में आई यह फिल्म राज कपूर द्वारा निर्देशित थी. इस एक फिल्म ने हिन्दी सिनेमा में बोल्ड के पैमाने बदल दिए. फिल्म की हॉट हिरोइन जीनत अमान ने इस फिल्म में अपने हुस्न का जमकर प्रदर्शन किया. फिल्म में जीनत की सेक्स अपील को कैश किया गया था. फिल्म की कहानी इतनी अच्छी थी कि लोग इसे देखने सिनेमाघरों में उमड़ पड़े थे. इस फिल्म में हीरो शशि कपूर थे.
मर्डर: भट्ट कैंप की 2004 में आई यह फिल्म आज एक ब्रांड बन चुकी है. मर्डर 2004 में उस समय आई थी जब हिन्दी सिनेमा में खुलापन आने का दौर शुरू ही हुआ था. फिल्म में मल्लिका सेहरावत और इमरान हाशमी ने इतने बोल्ड दृश्य दिए थे कि लोग उसे देख पानी पानी हो गए. लेकिन इसके बावजूद फिल्म ना सिर्फ सुपरहिट रही बल्कि इसने हिन्दी सिनेमा को ऐसा रास्ता दिखाया जहां आज हमें द डर्टी पिक्चर और मर्डर 2 जैसी फिल्में देखने को मिलती हैं.
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