हिन्दी सिनेमा में नायक ही नहीं खलनायकों का भी विशेष रोल होता है. इस क्षेत्र में कार्य करना बेहद मुश्किल होता है क्यूंकि एक खलनायक ना सिर्फ फिल्म में घृणित माना जाता है बल्कि पर्दे से परे जब वह अपनी असल जिंदगी में जीता है तब भी लोग उसे उसके किरदार में ही देखते हैं. यही कारण है कि खलनायकों के किरदार को भी फिल्मों में समान रूप से अहमियत दी जाती है. हिन्दी सिनेमा के खलनायकों में एक नाम गोगा कपूर का भी आता है.
गोगा कपूर का असली नाम रविंद्र कपूर था. 15 दिसंबर, 1940 को जन्में गोगा कपूर ने अपने कॅरियर की शुरूआत स्टेज से की थी. उन्होंने साल 1971 में फिल्म “ज्वाला” से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत की. शुरू में क्षेत्रीय फिल्में करने के बाद उन्हें मुख्यधारा की फिल्में भी मिलने लगीं. उन्होंने महाभारत धारावाहिक में भी काम किया था. उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में कयामत से कयामत तक, अग्निपथ, रन, जंजीर, लावारिश आदि हैं. उन्होंने अमिताभ के साथ 20 से ज्यादा फिल्में की हैं.
फिल्मों में अपने चेहरे पर क्रूर रूप लाने वाले गोगा कपूर असल जिंदगी में एक बेहद अच्छे इंसान थे. निगेटिव किरदार निभाने के बाद भी उन्होंने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उन्हें फिल्मों में अधिक सफलता तो नहीं मिली पर काम उन्हें हमेशा मिला. उनकी आखिरी फिल्म साल 2006 की “दरवाजा बंद रखो” थी. लंबी बीमारी के कारण 3 मार्च, 2011 को उनका निधन हो गया.
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