Most Romantic Movies in Bollywood
माना कि आज हिन्दी सिनेमा में एक्शन फिल्में ही सुपरहिट होने का खिताब जीत रही हैं लेकिन भारतीय सिनेमा में अक्सर उन्हीं फिल्मों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है जिनमें प्यार का रंग हो. चाहे दिलवाले दुल्हनिया हो या मुगल-ए-आजम सभी की कहानी का मूल प्रेम ही था. भारत में बनी फिल्म “प्यासा” को टाइम ने सदी की बेहतरीन रोमांटिक फिल्मों में से एक बताया था तो वहीं आज भी हिन्दुस्तान में लोग पर्दे पर प्यार को राज और सिमरन के रूप में याद करते हैं.
आइए एक नजर डालते हैं हिन्दी सिनेमा जगत की कुछ प्रसिद्ध रोमांटिक फिल्मों पर जिन्होंने प्यार को पर्दे पर साकार कर दिखाया:
मुगल-ए-आजम
मुगल-ए-आजम पांच अगस्त, 1960 को प्रदर्शित हुई थी, जिसमें सलीम और अनारकली की ऐतिहासिक प्रेम कहानी को बेहद खूबसूरती से फिल्माया गया है. इस फिल्म में अभिनेता पृथ्वीराज कपूर अकबर के किरदार में थे तो वहीं शहजादे सलीम का किरदार पर्दे पर दिलीप कुमार ने निभाया था और अनारकली थीं मधुबाला.
“प्यार ऊंच और नीच को नहीं देखता इसके लिए सब बराबर हैं.” इस फिल्म का यही संदेश था जिसे कलाकारों ने अपने अभिनय से पर्दे पर जाहिर कर दिखाया. यह फिल्म हिंदी सिनेमा जगत की सबसे महान कृति मानी जाती है.
प्यासा
मुहब्बत हमने माना, जिंदगी बरबाद करती है
ये क्या कम है कि मर जाने पे दुनिया याद करती है,
इश्क के राहियों को हमेशा मंजिल मिले यह मुमकिन तो नहीं. 1957 में बनी फिल्म “प्यासा” यही कहानी कहती है कि प्यार में मंजिल ना भी मिले तो कोई गम नहीं. इस फिल्म को टाइम मैगजीन ने भी सदी की 100 सर्वश्रेष्ठ रोमांटिक फिल्मों में रखा था. गुरुदत्त, वहीदा रहमान और माला सिन्हा जैसे कलाकारों से सजी इस फिल्म का हर हिस्सा आपको प्रेम की नई परिभाषा बताएगा. एक हारे हुए प्रेमी से लेकर वेश्या के प्यार तक को इस फिल्म में बहुत ही बारीकी से दर्शाया गया है.
हीर रांझा
1970 में बनी फिल्म “हीर रांझा” अपने समय की सर्वोत्तम रोमांटिक फिल्म मानी जाती है. कहा जाता है इस एक फिल्म में प्यार की सारी भावनाओं को जाहिर किया गया है. प्यार का पागलपन, उसे ना पाने का दर्द, बिछुड़ कर मिलने की खुशी और फिर अलग होने का अंजाम इस फिल्म में सब था. इस फिल्म में राज कुमार और प्रिया राजवंश ने हीर और रांझे की भूमिका निभाई थी.
वैसे भी हीर और रांझे की कहानी तो हर आशिक के लिए किसी “गीता” से कम नहीं. लेकिन हीर और रांझे की कहानी प्रेम की उस सच्चाई को उजागर करती है जो कहता है कि प्रेम में हमेशा दर्द ही मिलता है.
बॉबी
राजकपूर द्वारा बनाई गई फिल्म “बॉबी” यूं तो साल 1973 में बनी थी लेकिन इसकी कहानी आज के परिवेश में ढली हुई लगती है. चॉकलेटी इमेज वाले ऋषि कपूर और हॉट डिंपल कपाडिया ने इस फिल्म में युवा प्रेमी जोड़े का किरदार निभाया था.
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
यश चोपड़ा को हिन्दी सिनेमा जगत का सबसे रोमांटिक फिल्मकार माना जाता है. इनकी अधिकतर फिल्मों में आप रोमांस को ही मुख्य रस पाएंगे. यश चोपड़ा को लोग किंग ऑफ रोमांस भी कहते हैं.
साल 1995 में आई इस फिल्म ने हिन्दी सिनेमा में रोमांस के आयाम ही बदल दिए. एक युवा जोड़े की कहानी पर आधारित यह फिल्म बेहद खूबसूरत और मजेदार है. यह फिल्म हिंदी सिनेमा जगत की सबसे कमाऊ फिल्मों में से भी एक है.
राज और सिमरन के किरदार को शाहरुख खान और काजोल ने कुछ इस ढंग से जिया कि लोग इनकी जोड़ी को सच मानने लगे.
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