उम्र के साथ अनुभव भी बढ़ता है. अनुभव हर इंसान को सफलता की मंजिल पर जाने का मौका देता है. इस अनुभव को जो सही राह में ले जाता है उसे सफलता मिलती है और जो नहीं ले जा पाता उसके लिए सफलता दूर का चना मात्र होती है. हिन्दी सिनेमा जगत में आज भले ही अमिताभ बच्चन को महानायक कहा जाता हो लेकिन जब बात अनुभव और अभिनय की क्लास लेने की आती है तो बाजी अनुपम खेर(Anupam Kher ) , नसीरुद्दीन खान, ओम पूरी जैसे सितारे मार ले जाते हैं. अभिनय के ऐसे ही थिंकटैंक हैं अनुपम खेर जिनका आज जन्मदिन है.
अनुपम खेर (Anupam Kher ) ने अभिनय की शुरुआत स्टेज से की और वह जल्द ही बड़े पर्दे के सितारे बन गए. बड़े पर्दे पर भी उन्होंने कभी पारंपरिक हीरो वाले रोल करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई बल्कि उन्होंने हिन्दी सिनेमा के लगभग हर उस किरदार को निभाने की कोशिश की जिसे वह निभा सकते थे. एक विलेन से लेकर एक लाचार पति, एक वकील से लेकर एक ड्र्ग माफिया सभी किरदारों में अनुपम खेर ने अपनी छाप छोड़ी. तीन दशकों के अपने अभिनय कॅरियर के दौरान अनुपम खेर कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्मों में अपने अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं.
शिमला में जन्मे अनुपम ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से स्नातक करने के बाद थियेटर से कॅरियर की शुरुआत की. बाद में सारांश, मोहब्बतें, कुछ-कुछ होता है, वीर जारा और मैंने गांधी को नहीं मारा जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुपम बेंड इट लाइक बेकहम, ब्राइड एंड प्रिज्यूडाइस, द मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसिज और द अदर इंड ऑफ द लाइन जैसी विश्व विख्यात फिल्मों में काम कर चुके हैं. वह फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
अनुपम खेर को आठ बार अलग-अलग श्रेणियों में फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है जिसमें 1984 की फिल्म “सारांश” के लिए मिला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी है. उन्हें दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया है.
अनुपम खेर (Anupam Kher ) की पत्नी किरण खेर भी एक बेहतरीन अदाकारा हैं. अनुपम खेर जिस तरह से आज भी अपने अभिनय में रंग बिखेर रहे हैं उससे उम्मीद है बॉलिवुड को आगे भी उनके काम का रस मिलता रहेगा.
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