कहते हैं कि किसी भी चीज को दूर से देखते रहना और करीब जाकर महसूस करने में अंतर है क्योंकि जब आप किसी भी चीज को करीब जाकर महसूस करते हैं तो आपको उसकी सच्चाई का पता चलता है. गुल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जब उन्होंने कश्मीर जाकर करीब से उस बात को महसूस किया जो वो हमेशा से सिर्फ सोच रही थीं. जब गुल पनाग का जीवन सिर्फ छोटे पर्दे की दुनिया तक सिमटा हुआ था तो गुल ने कश्मीर में हो रही धारावाहिक की शूटिंग के समय इस बात का अहसास किया कि उनमें अभिनय करने की क्षमता है और उन्हें छोटे पर्दे की दुनिया से आगे निकलकर बड़े पर्दे की दुनिया में भी अभिनय करना चाहिए. बस फिर क्या था बॉलीवुड में ऐसी अभिनेत्री का आगमन हुआ जो सिर्फ कम पर बेहतर फिल्में करने में विश्वास करती थी.
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अजीब थी गुल की शादी
बॉलीवुड अभिनेत्री और पूर्व मिस इंडिया रह चुकी गुल ने अपने लम्बे समय से मित्र रहे ऋषि अत्री से शादी कर ली थी पर इनकी शादी में सबसे अजीब बात यह थी कि बाराती 20 इनफील्ड मोटरसाइकिल पर सवार होकर विवाह स्थल पहुंचे थे जिसमें से ज्यादातर मोटर साइकिलों को महिलाएं ही चला रही थीं.
चेतन और गुल की नहीं बनती
जब भारत-पाकिस्तान के बीच मोहाली मैदान में करो या मरो का क्रिकेट मुकाबला जारी था तब सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अभिनेत्री गुल पनाग और लेखक चेतन भगत के बीच एक और मुकाबला चल रहा था. ट्विटर पर चल रहे इस मुकाबले की शुरुआत लेखक चेतन भगत ने की थी. उन्होंने ट्वीट किया था कि यदि गुल पनाग ने उमर गुल (पाकिस्तानी क्रिकेटर) से शादी की होती तो उनका नाम गुल गुल हो जाता. इसी बात पर गुल पनाग ने तुरंत करारा जवाब देते हुए कहा कि कम से कम तुमसे तो इससे अच्छे की उम्मीद थी. वैसे यह बहुत पुराना चुटकुला है. अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों के बीच में किस तरह की दोस्ती है या फिर सिर्फ कहने के लिए दोस्त हैं.
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गुल स्पोर्ट पर्सन भी थीं
गुल पनाग की पहचान पूर्व मिस इंडिया या एक अभिनेत्री तक ही सीमित नहीं है, वे अच्छी वक्ता और स्पोर्ट पर्सन भी हैं. गुल का जन्म 3 जनवरी, 1979 में हुआ था. गुल ने मिस इंडिया प्रतियोगिता के मंच से रुपहले पर्दे तक का सफर खामोशी से तय किया था. दरअसल वे स्वयं को लंबी रेस का घोड़ा साबित करना चाहती हैं इसलिए कम मगर, गुणात्मक फिल्मों में अभिनय करना उनकी प्राथमिकता है.
चंडीगढ़ में पली-बढ़ी गुल प्रारंभ से ही पढ़ने-लिखने में अच्छी थीं. सैन्य पृष्ठभूमि में बचपन बिताने वाली गुल की रुचि खेल-कूद में भी रही है. सार्वजनिक मंच पर अपने विचार रखने में भी गुल बचपन से ही माहिर हैं.
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गुल का फिल्मी सफर
1999 में आयोजित मिस इंडिया प्रतियोगिता में गुल को मिस इंडिया यूनिवर्स की उपाधि से नवाजा गया था. मिस इंडिया प्रतियोगिता से मिली पहचान के बावजूद गुल ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत धूप जैसी लीक से हटकर फिल्म से की थी. लगभग दो वर्ष के अंतराल पर गुल की दूसरी फिल्म जुर्म प्रदर्शित हुई. बॉबी देओल और लारा दत्ता अभिनीत जुर्म में गुल की मौजूदगी ने कोई खास प्रभाव दर्शकों पर नहीं छोड़ा. जुर्म ने बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ दिया. दर्शकों की इस अस्वीकृति ने गुल को एहसास दिलाया कि यदि भीड़ में खुद को अलग साबित करना है, तो मुख्य धारा की बेतुकी फिल्मों से बेहतर है अच्छे विषय पर बनी फिल्मों में अभिनय करना.
गुल के इसी प्रयास की पहली कड़ी साबित हुई डोर. डोर में पति के जीवन के लिए संघर्ष करती युवती की भूमिका में गुल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को चकित कर दिया. गुल के छोटे-से फिल्मी कॅरियर में मील का पत्थर साबित हुई डोर. डोर के बाद बेहतरीन अभिनय का सिलसिला गुल ने जारी रखा. ‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर’ जैसी लीक से हटकर फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ी. समर 2007, हैलो, स्ट्रेट और अनुभव में भी उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया. डोर जैसी फिल्म में अभिनय करने के लिए गुल को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवार्ड भी मिला था. गुल पनाग की फिल्मी सफर की दुनिया में कुछ खास फिल्में 2003-धूप, 2006-डोर, 2007-मनोरमा सिक्स फीट अंडर, 2008-हैलो, 2009-अनुभव महत्वपूर्ण हैं.
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