आज हम आपको उस समय में लेकर चल रहे हैं जब गानों की धुन पर ऐसी बालाएं थिरका करती थीं जो हजारों दिलों को अपना दीवाना बना दिया करती थीं. करीना, कैटरीना और प्रियंका का आइटम नंबर डांस तो आपने देखा होगा और बहुत बार तारीफ भी की होगी पर क्या आपको पता है कि आज की हसीनाओं का आइटम डांस कुक्कू, नादिरा और हेलन के डांस के आगे फेल हो जाता है.
हेलन: ‘मेरा नाम चिन चिन चू’
हेलन को अपने कॅरियर के शुरुआती दिनों में ‘शबिस्तान’ और ‘आवारा’ जैसी फिल्मों में कोरस डांसर के रूप में काम मिला था पर बाद में जब शक्ति सामंत ने फिल्म ‘हावड़ा ब्रिज’ बनाई तो उन्हें पहली बार अकेले आइटम नंबर करने का मौका मिला था. उस गाने का नाम ‘मेरा नाम चिन चिन चू’ था जिस समय हेलन की उम्र केवल 17 साल थी. साल 1999 में हेलन को फिल्मफेयर लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया था.
‘रबर गर्ल’ के कदमों पर दुनिया थिरकती थी
हिन्दी सिनेमा में चालीस और पचास के दशक में डांस का नया रूप सामने आया जब कुक्कू ने साल 1946 में फिल्म ‘अरब का सितारा’ से आइटम डांस की नई नींव रखी. साल 1948 में महबूब खान की फिल्म ‘अनोखी अदा’ से कुक्कू को हिन्दी सिनेमा में शोहरत हासिल हुई थी. एक समय ऐसा आया जब उन्हें हिन्दी सिनेमा की ‘रबर गर्ल’ कहा जाने लगा. फ़िल्म ‘आवारा’ का गाना ‘एक दो तीन, आजा मौसम है रंगीन’ कुक्कू का यादगार आइटम नंबर माना जाता है. कुक्कू ने ही हेलन को हिन्दी फिल्मों का रास्ता दिखाया था.
अरुणा ईरानी: ‘दिलबर दिल से प्यारे’
अरुणा ईरानी का नाम हेलन के बाद आइटम नंबर गर्ल के रूप में लिया जाता है. ऐसा नहीं है कि उन्होंने फिल्मों में अभिनय नहीं किया था पर उन्हें खासतौर पर आइटम नंबर के लिए ही याद किया जाता है. फिल्म ‘कारवां’ का गाना ‘दिलबर दिल से प्यारे’ अरुणा ईरानी की हिट गानों की लिस्ट में से एक सुपरहिट आइटम नंबर माना जाता है. साल 2012 अरुणा ईरानी को फिल्मफेयर ने लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा था.
नादिरा: ‘मुड़ मुड़ के ना देख’
‘मुड़ मुड़ के ना देख’ यह गाना आज भी याद किया जाता है क्योंकि इस गाने में नादिरा के नाच ने हजारों दिलों को अपना दीवाना बना दिया था. हिन्दी सिनेमा में सालों पहले आइटम नंबर पर नादिरा का राज हुआ करता था. हिन्दी सिनेमा के पचास और साठ के दशक में लगभग सभी फिल्मों में नादिरा ने खलनायिका की भूमिका निभाई और आइटम नम्बर किए.
बिंदू: ‘दिलजलों का दिल जला के क्या मिलेगा’
फिल्म ‘कटी पतंग’ से आइटम नम्बर ‘मेरा नाम शबनम’ से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत करने वाली बिंदू का नाम भीहेलन और अरुणा ईरानी की तरह आइटम नंबर डांस के लिए जाना जाता था. फिल्म ‘जंजीर’ का गाना ‘दिलजलों का दिल जला के क्या मिलेगा’ बिंदू का एक हिट आइटम नंबर है जो आज भी याद किया जाता है.
ऐसा नहीं है कि सालों पहले हिन्दी सिनेमा में सिर्फ कुछ आइटम गर्ल ही आइटम नंबर किया करती थीं बल्कि रेखा और वहीदा रहमान जैसी अभिनेत्रियों ने भी आइटम नंबर किया था. फिल्म ‘सी आई डी’ में ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’ नाम का आइटम नंबर वहीदा रहमान ने किया था और फिल्म ‘जांबाज’ का आइटम नंबर ‘प्यार दो प्यार लो’ रेखा ने किया था.
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