ओ तेरी आंखों का कैदी हूं, मोहब्बत काम है मेरा
हूं आशिक यह खता मेरी, के जावेद नाम है मेरा
अरे तू होश में आ जा, के जो भी नाम है तेरा
नहीं मालूम है तुझको, के क्या अंजाम है तेरा
तू यह भी भूल जाएगा, के जावेद नाम है तेरा
प्रसून जोशी की लिखने की कला की तारीफ करने के लिए शायद शब्दों की कमी पड़ जाए. यह पक्तियां फिल्म ‘तेरी मेरी कहानी’ के गीत ‘हमसे प्यार कर ले तू’ की है जिसे गाया श्रेया घोषाल ने है और संगीत साजिद अली तथा वाजिद अली ने दिया है पर इस गीत के बोल प्रसून जोशी ने लिखे हैं. प्रसून जोशी की जब तारीफ की जाती है तो उनका एक मीडिया अखबार को दिया गया वो इंटरव्यू याद आ जाता है जिसमें उन्होंने खुद की तारीफ करने से मना कर दिया था.
प्रसून जोशी ने कहा था कि ‘उनकी तारीफ करने की लोगों को जरूरत नहीं है क्योंकि वो अपने अनुभव के आधार पर लिखते हैं जिसमें कुछ भी अलग बात नहीं है’. जब प्रसून जोशी इस वाक्य को बोल रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि ‘शब्दों को लय में बांध कर सामने प्रस्तुत किया जा रहा हो’.
अभी हाल ही में फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ के जरिए प्रसून जोशी ने फिल्म लेखन कला की भी शुरुआत की और उनकी इस शुरुआत को दर्शकों ने दिल से अपनाया. इसी मौके पर प्रसून जोशी से एक पत्रकार ने पूछा कि ‘अगर लेखक के सम्मान की और मेहनताने की बात करें तो क्या उन्हें वह सब मिल पाता है, जिसके वे वास्तव में हकदार हैं? इस बात का जवाब प्रसून ने कुछ तरह दिया कि
‘यह हकीकत है कि फिल्मों के लेखक को अब भी उनका वह सम्मान नहीं मिला है लेकिन उन्हें लगता है कि जब तक कुछ अच्छे निर्देशक बॉलीवुड में हैं तब तक कुछ हद तक फिल्म लेखन का महत्व लोगों को पता है. पर हां, जब तक लोगों को यह बात न समझाई जाए कि लेखक फिल्म के लिए क्यों खास होता है तब तक आप नहीं कह सकते कि एक फिल्म लेखक को सब कुछ हासिल हो चुका है’. प्रसून जोशी का जन्म उतराखंड के अल्मोड़ा जिले में 16 सितम्बर, 1968 को हुआ था और आज इस लेख को लिखने का कारण प्रसून जोशी को उनके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देना है.
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