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दिलीप कुमार: महज पच्चीस वर्ष की उम्र में बने महानायक

अचानक तबीयत खराब होने के चलते दिलीप कुमार को रविवार रात मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. सोमवार को उनकी हालत पहले से बेहतर हुई है, लेकिन वो अभी भी आईसीयू में हैं. इस दौरान  उनकी पत्नी सायरा बानो उनकी देख-रेख में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं.

जब दिलीप कुमार ने सायरा को छोड़ किसी और से प्यार किया था !!


दिलीप साहब की अनसुनी बातें


दिलीप कुमार को लोग ट्रेजेडी किंग नाम से पुकारा करते थे

कहा जाता है कि हिन्दी सिनेमा का महानायक बनने के लिए एक लंबा समय अभिनय में गुजारना पड़ता है पर दिलीप कुमार महज पच्चीस वर्ष की उम्र में हिन्दी सिनेमा के महानायक बन गए थे. हिन्दी सिनेमा के जानकार बताते हैं कि दिलीप कुमार जब किसी फिल्म के लिए शूटिंग किया करते थे तो फिल्म के किरदार को बेहतर से बेहतर रूप में पर्दे पर उतारने के लिए अपने अभिनय में जान डाल दिया करते थे. नया दौर, अंदाज, मेला, शहीद, मुगल-ए-आजम, मधुमती जैसी फिल्मों के सलोने नायक दिलीप कुमार स्वतंत्र भारत के पहले दो दशकों में ही लाखों युवा दर्शकों के दिलों की धड़कन बन गए थे. दिलीप कुमार को चाहने वाले उन्हें ‘ट्रेजेडी किंग’ नाम से भी जाना पुकारा करते थे.


dilip kumarअसफल प्रेमी के कारण कामयाबी मिली

दिलीप कुमार ने अपनी ज्यादातर फिल्मों में असफल प्रेमी का किरदार निभाया था और यह किरदार उनके नाम के साथ इस कदर जुड़ गया था कि लोग उन्हें हारे हुए प्रेमी के रूप में ही देखना चाहते थे. जैसा कि आपको पहले बताया कि लोग उन्हें ‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से भी जानते थे, उसके पीछे का कारण भी दिलीप साहब के हमेशा असफल प्रेमी जैसे किरदारों को निभाना था.


जब हिन्दी सिनेमा को त्रिमूर्ति मिली

हिन्दी सिनेमा में दिलीप कुमार का नाम उभरने लगा था और इसी के साथ-साथ राजकपूर और देव आनंद का नाम भी उभर कर सामने आया इसलिए ‘दिलीप-राज-देव’ को हिन्दी सिनेमा की त्रिमूर्ति कहा जाने लगा.


दिलीप साहब ‘बॉम्बे टॉकीज’ की उपज

यूसुफ सरवर खान को दिलीप कुमार बनाने वाली प्रतिष्ठित फिल्म निर्माण संस्था बॉम्बे टॉकीज है. दिलीफ कुमार को फिल्म निर्माण संस्था बॉम्बे टॉकीज में काम दिलाने वाली देविका रानी थीं और उन्हें दिशा निर्देश अशोक कुमार और शशधर मुखर्जी ने दिया था.


आखिरकार दिलीप कुमार ने केवल 54 फिल्में क्यों कीं

आज शायद ही बॉलीवुड में ऐसा कोई अभिनेता हो जो अभिनय के स्तर को देखकर फिल्मों का चुनाव करे. दिलीप कुमार हिन्दी सिनेमा के महानायक बन चुके थे इसके बावजूद भी वो किरदार और अभिनय के स्तर को देखकर फिल्मों का चुनाव किया करते थे जिस कारण उन्होंने अपने फिल्मी कॅरियर में बस 54 फिल्में ही कीं.

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