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जब लोगों ने ठगा तो तन्हाई साथी बन गई

जब लोग व्यक्ति को ठगना शुरू करते हैं तो ऐसे में हारकर वो तन्हाई को ही अपना साथी बना लेता है. कभी कोई करीब आकर प्यार देता है और कभी कोई टूटे हुए दिल पर मरहम लगा देता है पर एक समय ऐसा आता है जब ना तो कोई टूटे हुए दिल को सहारा देने के लिए तैयार होता है और ना ही कोई आत्मा को सुकून दे पाता है. ऐसे में एक ही रास्ता व्यक्ति को दिखाई देता है और वो रास्ता ‘तन्हाई’ नाम की मंजिल तक पहुंचा देता है.


parveen babiपरवीन बॉबी की निजी जिंदगी भी कुछ इसी तरह थी. सांवले से चेहरे की एक लड़की जो अहमदाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थी और अचानक ही उस समय के मशहूर फिल्मकार बी. आर. इशारा की उस लड़की पर नजर पड़ गई. फिर क्या था उन्होंने फैसला कर लिया कि एक दिन यह सांवला चेहरा हिन्दी सिनेमा की शान बनेगा और वो सांवला चेहरा था परवीन बॉबी का. किसे पता था कि बहुत जल्द ही यह सांवला चेहरा प्रेम रोग का शिकार हो जाएगा. फिल्म ‘धुएं की लकीर’ से परवीन बॉबी और डैनी डैंजोगप्पा का प्यार परवान चढ़ गया. ऐसा कहा जाता है कि उन दिनों परवीन बॉबी, डैनी नाम के नशे में डूब चुकी थीं.


परवीन बॉबी का फिल्मी सफर धीरे-धीरे मुकाम हासिल करने की तरफ बढ़ रहा था और उसी दौरान उनकी निजी जिंदगी में भी कई बदलाव आ रहे थे. अमिताभ बच्चन और परवीन बॉबी ने एक साथ कई फिल्में कीं पर फिल्म दीवार के बाद ऐसा कहा जाने लगा कि शायद अमिताभ-परवीन के बीच कुछ ना कुछ चल रहा है.

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कुछ समय बाद परवीन बॉबी की गहरी मित्रता फिल्मकार महेश भट्ट से हुई. ऐसा कहा जाता है कि उन्ही संबंधों के आधार पर महेश भट्ट ने फिल्म ‘अर्थ’ बनाई. परवीन बॉबी का नाम तो कई फिल्मी हस्तियों के साथ जुड़ा पर आखिरकार उनके दिल के करीब कौन था यह सच्चाई शायद ही कोई जानता हो. परवीन बॉबी की जिंदगी यूं ही तन्हाई में कटती रही. 22 जनवरी साल 2005 का दिन शायद ही हिन्दी सिनेमा में भुलाया जा सकेगा क्योंकि उसी दिन दक्षिण मुंबई के एक फ्लैट में परवीन बॉबी मृत पड़ी मिली थीं. कुछ लोगों ने कहा कि प्रेम रोग ने उनकी जान ले ली और कुछ ने कहा कि किडनी के काम ना करने की वजह से उनकी मौत हुई. परवीन बॉबी की मौत के दो दिन बाद उनका शव मिला था. अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि वो किस तरह जिंदगी का सफर तन्हां काट रही थीं. परवीन बॉबी ने अपने चाहने वालों को अपनी आखिरी फिल्म ‘आकर्षण’ जिंदगी से अलविदा के रूप में दी थी.


‘मिनी स्कर्ट और हाथ में सिगरेट पकड़े हुए’ इस अंदाज के साथ हिन्दी सिनेमा में परवीन बॉबी को अपनाया गया इसलिए शायद वो बॉलीवुड में अपने बोल्ड फिल्मी किरदारों को लेकर हमेशा चर्चा में रहीं. हिन्दी फिल्मों में परवीन बॉबी एक मात्र ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में सेक्स शब्द को कलात्मक रूप से दिखाने के साथ-साथ उसमें रूमानियत भी दिखाई.


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