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इस तस्वीर में आखिरी रंग मैं ही भरूंगा

‘यह तस्वीर शुरु जरूर उसने की है पर इस तस्वीर में आखिरी रंग मैं ही भरूंगा’. कुछ इसी तरह के डायलॉग सुनाई देते हैं जब शुरू होती है दो दोस्तों की कहानी. जिस दोस्ती की लोग मिसाल देते हैं उनकी दोस्ती में नफरत तब जन्म लेती है जब एक ही लड़की पर दोनों का दिल अटक जाता है. आप सही समझ रहे हैं यह फिल्म ‘गुंडे’ की कहानी है.


कलाकार: रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर, प्रियंका चोपड़ा, इरफान खान, सौरभ शुक्ला
निर्देशक, लेखक, पटकथा, संवाद: अली अब्बास जफर
निर्माता: आदित्य चोपड़ा
बैनर: यशराज फिल्म्स
संगीत: सोहेल सेन

दिल आखिर तू क्यूं रोता है


फिल्म ‘गुंडे’ की कहानी तो कमाल की है पर उससे भी ज्यादा बेहतरीन हैं उसके डायलॉग्स जो कि कुछ इस तरह हैं:

  • · हम गुंडे हैं..ना आज तक किसी के हाथ आए हैं और ना आएंगे.
  • · अगर जिगर की जगह जिगर है और जिगर में दम है तो रोक ले आ के.
  • · लकीरें बहुत अजीब होती हैं..खाल पर खिंच जाएं तो खून निकाल देती हैं और जमीन पर खिंच जाएं तो सरहदें बना देती हैं.
  • · यह तेरे हमारे खून में है तेरे भौंकने से कुछ नहीं होगा.
  • पिस्तौल की गोली और लड़कियों की बोली जब चलती है तो जान दोनों में ही जाने का खतरा होता है.


किसने सोचा था कि ऐसी भी शादी होगी !!

ना मतलब केवल ‘ना’ है

मैं एक एंटरटेनमेंट हूं



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