एक तरफ जहां भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अनशन विशेषज्ञ अन्ना हजारे दिल्ली में मोदी सरकार की नाक में दम किए हुए हैं वहीं दूसरी तरफ करीब 1000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मोदी के गढ़ गुजरात में एक व्यक्ति और है जिसकी मांग न तो लोकपाल बिल है और न ही भूमि अधिग्रहण बिल.
वह तो महज अपने पसंदीदा अभिनेता सलमान खान से मुलाकात करना चाहता है और उनके साथ एक फोटो खींचवाना चाहता है. वह इस उम्मीद से भूख-हड़ताल पर बैठा है कि कोई होगा जो उसे अपने पसंदीदा अभिनेता भेंट करवा देगा. बैठे भी क्यों न! जिस भूख-हड़ताल से अन्ना को बेजान लोकपाल कानून मिला और केजरीवाल को दिल्ली की कुर्सी उसी भूख हड़ताल से इन जनाब को सलमान खान से मिलने का अवसर नहीं मिलेगा.
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वैसे भूख-हड़ताल विशेषज्ञों का मानना है कि हड़ताली लड़के बाबूभाई शीशांगिया की मांग तभी पूरी हो सकती है जब मीडिया का अटेंशन मिले. लेकिन मीडिया है कि दिल्ली को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही है. अगर गुजरात आती भी है तो मोदी के साथ आती है और उन्ही के साथ वापस लौट भी जाती है.
अब बाबूभाई शीशांगिया की मांग पूरी करने की जिम्मेदारी राजकोट प्रशासन पर है जहां वह भूख हड़ताल पर बैठे हुए है. देखते हैं राजकोट प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है..Next
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