टीवी देखते वक्त अचानक आपके सामने कभी न कभी ऐसा विज्ञापन (एड) आया होगा जिसे देखकर आप शर्म से पानी-पानी हो गए होंगे, और अगर इस दौरान आपके पास कोई बच्चा या घर का कोई बड़ा सदस्य बैठा हो, तो आपके पास चैनल बदलने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता होगा. लेकिन कभी-कभी कुछ एड वल्गर होने के अलावा कई दूसरी वजहों से भी बैन कर दिए जाते हैं. आइए, देखते हैं कुछ ऐसे विज्ञापन जिसे किसी न किसी वजह के चलते बैन कर दिया गया था.
विराट और जेनेलिया का फास्ट ट्रैक बैग एड
2011 में विराट और जेनेलिया का फास्टट्रैक बैग का एड बैन कर दिया था. करीब 5 साल पहले इस एड को बहुत वल्गर माना गया था. जबकि आज के विज्ञापनों के हिसाब से ये कुछ भी नहीं है.
कैटरीना का मैगों स्लाइस एड
हर ऐड में कम कपड़े पहने हुई लड़की ही बैन होने की वजह नहीं होती. कभी-कभी डबल मीनिंग शब्द भी भारी पड़ सकते हैं. जैसे सक इट, लिक इट वगैरह-वगैरह.
राजेश खन्ना का हैवेल्स फैन्स
राजेश खन्ना के इस विज्ञापन से सबसे ज्यादा एतराज फिल्मी हस्तियों को था. क्योंकि अपने मुहं से खुद की तारीफ शायद कई बॉलीवुड सितारों को हजम नहीं हुई.
अमिताभ बच्चन कच्चा मैंगो बाइट
कच्चे आमों को तोड़ने के लिए अमिताभ ने पत्थर का इस्तेमाल किया है जिससे कोई भी घायल हो सकता है. उन्हें देखकर बच्चे भी ऐसा करेंगे. बच्चों के माता-पिता के इसी तर्क की वजह से ये एड बैन कर दिया गया था.
कैटरीना का फेवीकोल एड
शादी करके नवविवाहित जोड़े ट्रेन से जा रहे हैं. तभी सामने बैठी कैटरीना पर दूल्हे की नजर पड़ती है. इसके बाद तो फेवीकोल का ऐसा असर दिखाया गया है जिससे दूल्हा अपने सात फेरों तक की कसम भुला देता है.
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