‘दिखावा मत कर शहर में शरीफ होने का, यहां लोग खामोश तो हैं पर नासमझ नहीं’
किसी शायर ने ठीक ही कहा है कि किसी भी गलत बात को अगर आप हजार तरह की बातें बनाकर सही भी साबित कर लेते हैं तो भी गलत बात सही नहीं बन जाती. फिर बेशक किसी वजह से लोग भले ही चुप क्यों न हो जाए लेकिन वो लोग नासमझ नहीं होते. वो कहते हैं न कि ये पब्लिक है सब जानती है. हाल ही में अपनी रिलीज से पहले विवादों में घिरती फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में 89 कट्स लगाने के साथ ही सेंसर बोर्ड एक बार फिर से एक नया राग अलापता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, अब फिल्म के नाम को लेकर आपत्ति जताई जा रही है. सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी के इस अजीबों-गरीब फरमान को सुनने के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले लोगों ने अपने अनोखे अंदाज में सेंसर बोर्ड की खिंचाई की. पेश है कुछ मजेदार ट्रोल और ट्वीट.
बाजीराव लुक
अंकुर सिंह नाम के एक यूजर ने अभिनेता रणवीर सिंह के बाजीराव लुक का फायदा कुछ इस तरह उठाया. इसे देखकर आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म हो या इंसान कैसे सबकी हजामत बना सकता है.
पिताजी की पतलून
माक्स, लूट पड़ी है ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके सेंसर बोर्ड के काम को रमेश और सुरेश के पिताजी की पतलून से प्रेरित बताया गया है. देखिए, कट्स लगते-लगते कितने कट्स लग गए.
शाहिद की जगह आलोक नाथ!
एक नजर इस ट्वीट पर भी डाल लीजिए जनाब. क्या लगता है अब आलोक नाथ का स्कोप बनता है.
खली बना राजपाल यादव
जिस पर चल जाए सेंंसर की कैंंची, वो बन जाता है कुछ ऐसा.
क्यों न पहलाज के नाम पर ही नामकरण हो इस बार
खुद पहलाज भी बहुत खुश होंगे ये ट्वीट देखकर. इस यूजर ने डायरेक्टर को एक ऑप्शन दिया है.
89 कट्स के बाद अब उड़ता पंजाब स्नैपचैट पर भी उपलब्ध
फिल्म में इतने कट्स लग चुके हैं कि अब इतने कट्स में फिल्म वाट्सअप तक की जा सकती है या फिर स्नैपचैट.
संस्कृत श्लोक और फिल्म खत्म
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