शबाना आजमी की गिनती उन कलाकारों में होती है जिन्होंने अंकुर, मंडी, निशांत, पार, अर्थ जैसी फिल्मों में अभिनय करके अलग जगह बनाई है. परवरिश और अमर अकबर एंथनी जैसी कमर्शियल फ़िल्मों भी की. आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे पहलुओ के बारे में जिन्होंने उनहें बनाया मशहूर तो कभी खड़ा किया कटघरे में.
बचपन से ही था एक्टर बनने का सपना
शबाना ने एक इंटरव्यू में बताया कि, केवल चार महीने में ही उन्हें एक्टिंग की समझ हो गई थी. उनकी मां उन्हें पृथ्वी थियेटर रिहर्सल में ले जाया करती थीं. वहीं पीता कैफ़ी आज़मी मुझे मुशायरों में भी ले जाया करते थें. ऐसे में उनका रूझान बढ़ने लगा. थियेटर को पहला प्यार वताने वाली शबाना ने फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट जाना शुरू किया और यहीं से जिंदगी बदल गई.
जया बच्चन को देखकर फिल्मों में आईं
जया बच्चन की फिल्म ‘सुमन’ से शबाना इस कदर प्रभावित हुईं कि उन्होंने फिल्मों में आने का मन बना लिया. इसके बाद उन्होंने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में दाखिला ले लिया. पहली ही फिल्म ‘अंकुर’ से ही शबाना को लोग पहचानने लगे.
पहली ही फिल्म में मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
शबाना आजमी ने अपने फ़िल्मी कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1973 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से की थी. इस फिल्म की सफलता ने शबाना आजमी को बॉलिवुड में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई. अपनी पहली ही फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुआ था.
फिल्म मेकर शेखर कपूर के साथ थे संबंध
शबाना का फिल्म मेकर शेखर कपूर के साथ लगभग सात साल का लंबा रिलेशनशिप था, जो बाद में टूट गया. और शबाना ने मशहूर गीतकार और राइटर जावेद अख्तर से 9 दिसंबर 1984 में निकाह कर लिया. जावेद ने शबाना से दूसरी शादी की थी, उन दोनों के अपने कोई बच्चे नहीं हैं.
Read: अपने से 27 साल बड़ी इस महिला राजनेता से अक्षय करते थे प्यार, करना चाहते थे डेट
फिल्म के लिए मुंडवा लिए थे बाल
जहां एक तरफ बॉलीवुड में एक्ट्रेस सिर्फ शो पीस कही जाती है, वहीं दूसरी तरफ शबाना ने कई ऐसी फिल्में की जिन्होंने समाजिक धारणाओं पर करारा प्रहार किया है. उनमें से एक थी फिल्म ‘वाटर’. शबाना ने नंदिता दास के साथ ‘वाटर’ फिल्म के लिए अपने बाल मुंडवा लिए थे लेकिन किन्ही कारणों से फिल्म पर रोक लगा दी गई थी.
‘फायर’ फिल्म में किया बोल्ड किरदार
शबाना आजमी के लिए कहा जाता है कि उन्होंने समाज के बनाए नियमों के बजाय सदा अपने काम करने के तरीके को सुना तभी तो उन्होंने फिल्म ‘फायर’ में शबाना ने एक होमोसेक्सुअल किरदार निभा कर सबको चकित कर दिया.
‘फायर’ के बाद झेलनी पड़ी आलोचना
‘फायर’ में शबाना ने लीक से हटकर कुछ ऐसा किया था जिसकी उम्मीद शायद ही किसी की थी. पर्दे पर इंटिमेट सींस देकर शबाना अचनाक से हर अखबार के पन्नों पर थी, कई जगहों पर उनकी आलोचनाएं हुई. लेकिन उन्हें इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने लीक से हटकर फिल्में बनाई.
फिल्म ‘अर्थ’ में दिखा सच का आईना
साल 1982 में प्रदर्शित महेश भट्ट की फिल्म ‘अर्थ’ ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदल दिया था. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर बनी फिल्म ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था. ये फिल्म उन फिल्मों में शामिल है जिन्होंने भारतीय सिनेमा के द्वारा समाज में एक नए विवाद को जन्म दिया था.
मकड़ी में निभाई चुड़ैल की भूमिका
विवादास्पद फिल्मों में हमेशा ही शबाना ने भूमिका निभाई. बाल फिल्म ‘मकड़ी’ में वे चुड़ैल की भूमिका निभाती हुई नजर आई. वही ‘गॉड मदर’ में प्रभावशाली महिला डॉन की भूमिका भी निभाकर लोगों को हैरत में डाल दिया.
पांच बार मिल चुका है सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार
फिल्मों में विविधतापूर्ण भूमिकाओं से सबको चौंकाने वाली शबाना आजमी को पांच बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2012 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया था…Next
Read more:
फिल्मों से करोड़ों की कमाई करने वाले सलमान का ये है शानदार ऑफिस, देखें तस्वीरें
अपनी पहली शादी में आशा ने लिया था यह फैसला, आज भी नाराज हैं लता मंगेशकर
खुद के ससुर ने नहीं लिया था ऑडिशन, आज हैं बॉलीवुड के सबसे धनी सितारें
Read Comments