‘वो जब भी बाथरूम में होता. तेज-तेज आवाज में गाना गाता. जैसे बिना 4-5 गाने गाए बिना उसका नहाना ही पूरा न होता हो. एक रोज उसका नहाते वक्त गाना किसी को बेहद भा गया और फिर वो देखते ही देखते बॉलीवुड पर छा गया.
हम बात कर रहे हैं किशोर कुमार की. जिन्हें उनके चाहने वाले ‘किशोर दा’ के नाम से जानते हैं. किशोर की अपनी छोटी-सी दुनिया से निकलकर बॉलीवुड में एंट्री करने की कहानी बहुत दिलचस्प है. किशोर कुमार मुंबई में अपने भाई अशोक कुमार के घर छुट्टियां बिताने गए थे. वो हर रोज की तरह नहाते वक्त गाना गा रहे थे. अब इसे किस्मत कहिए या कुछ और लेकिन उस वक्त अशोक से मिलने के लिए संगीतकार सचिन देव बर्मन पहुंच गए, किशोर की आवाज सुनकर वो पूछ बैठे ‘ये कौन गा रहा है?’
इसके बाद शायद ही किशोर के नगमों को सुनकर उनका नाम किसी ने पूछा हो. बस, दादा बाथरूम से पूरी दुनिया में छा गए. उनके गाए अनगिनत गानों में से बात करते हैं, मजाकिया अंदाज में गाए एक गाने की. आपने ‘चलती का नाम गाड़ी’ फिल्म का ‘पांच रुपया बारह आना’ गाना सुना ही होगा. क्या आप जानते हैं कि इससे पीछे की कहानी क्या है? कैसे बना ये गाना?
कॉलेज कैंटीन के वो जलेबी और समोसे
कॉलेज के दिनों में किशोर कुमार कैटींन टेबल को अपना तबला बनाकर दोस्तों के साथ मिलकर गाना गाया करते थे. साथ में वो जमकर जलेबी और समोसे खाया करते थे. ये वो दौर था जब किशोर के पास ज्यादा पैसे नहीं होते थे. उन पर कॉलेज कैंटीन का पांच रुपए बारह आना का उधार रह गया था.
ओए… पांच रुपया बारह आना
वो जब भी कैंटीन में आते तो, कैंटीन वाले अंकल गुनगुनाते हुए कहते ‘ओए, पांच रुपया बारह आना’. इस पर वो जवाब देते हुए कहते ‘मारेगा भईया, ना..ना’.
इस तरह, फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ में पांच रुपए वाले गाने का दिलचस्प आइडिया और गाने के बोल किशोर दा की असल जिंदगी से लिए गए हैं…Next
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