सुपरस्टार धर्मेंद्र ने अपने अभिनय के दम पर बॉलीवुड सिनेमा में एक खास मुकाम हासिल किया और लगभग 5 दशक तक भारतीय सिनेमा में काम कर लोगों के दिलों पर राज किया. उनके देशी किस्म के डायलॉग आज भी उनके फैन द्वारा बार बार दोहराये जाते हैं.
धर्मेंद्र जी ने 1960 में ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ फिल्म से अपने कॅरियर की शुरुआत की और इसके बाद सूरत और सीरत, बंदिनी, दिल ने याद किया, दुल्हन एक रात की, अनपढ़, आयी मिलान की बेला और पूर्णिमा’ जैसी फिल्मों में सहअभिनेता के रूप में काम किया.
जिसके बाद धर्मेंद्र जी एक रोमांटिक और भोले भाले हीरो के रूप में पहचाने जाने लगे. लगभग 6-7 साल इस तरह की भूमिका निभाने के बाद 1966 में धर्मेंद्र जी को फूल और पत्थर फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने को मिली जिसमें वो अकेले हीरो थे और मासूम से दिखने वाले इस अभिनेता का जादू दर्शकों के दिल पर चल गया.
बॉलीवुड सूत्रों के अनुसार इस फिल्म का यह किरदार पहले सुनील दत्त निभाने वाले थे, लेकिन विशेष कारणों से उन्होंने यह फिल्म नहीं की और इसके डायरेक्टर ओ. पी. रहलान ने धर्मेंद्र को फिल्म के मुख्य अभिनेता के रूप में चुन लिया और फिल्म की रिलीज के साथ धर्मेंद्र की किस्मत चमक उठी. बस फिर क्या था, उनकी फिल्म ‘फूल और पत्थर’ के साथ धर्मेंद पाजी स्टार बन गए और बॉलीवुड जगत को एक एक्शन हीरो मिल गया.
गठीले बदन और रौबीली आवाज़ के साथ धर्मेंद जी उस समय के डायरेक्टर के पहली पसंद बन गए और यहीं से धर्मेन्द्र जी की एक्शन फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी और 1966 की सबसे ज्यादा कमायी करने वाली फिल्म का बन गयी.
इस फिल्म में बेहतरीन अदाकारी के लिए धर्मेंद्र जी को पहला सर्वश्रेष्ठ हीरो का फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मिला और देखते ही देखते काला स्कार्फ पहने, मासूम चहरे से लोगों के दिलों में कशिश पैदा करने वाला यह कलाकार फ़िल्मी जगत का ही-मैन बन गया..Next
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