70 का दशक…ये वो दौर था जब एक उभरती हुई गायिका फिल्म इंडस्ट्री में अपने कदम जमाने में लगी थी। अनुराधा पौडवाल का नाम यूं तो किसी परिचय का मोहताज नहीं है, लेकिन संगीत जगत में उनकी मीठी आवाज ने विशेष पहचान बना ही ली। आज ऐसी ही एक पॉपुलर सिंगर के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी आवाज अब कहीं खो गई है। आइए इस सुरीली शख्सियम की जिंदगी के बारे में जाने कुछ खास बातें।
80 के दशक में छाईं अनुराधा
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन सिंगर्स की लिस्ट में शामिल अनुराधा का बचपन मुंबई में बीता, जिस वजह से उनका रुझान शुरू से फिल्मों की तरफ रहा। 80 के दशक में अनुराधा एक बेहतरीन गायिका बनकर उभरी थीं। उस दौर में लता मंगेशकर, आशा भोसले और अल्का याग्निक जैसी गायिकाएं झंडे गाड़ रही थीं। लेकिन अनुराधा जब आईं तो इन सभी को उन्होंने कड़ी टक्कर दी।
टी-सिरीज की खोज थीं अनुराधा
अनुराधा को गुलशन कुमार और टी-सीरीज की खोज भी कहा जाता था। गुलशन कुमार उन्हें दूसरी लता मंगेशकर बनाना चाहते थे। हिंदी के अलावा उन्होंने कन्नड़ और मराठी जैसी अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं। साल 1973 से लेकर अब तक अनुराधा 1500 से ज्यादा गाने गा चुकी हैं।
बॉलीवुड में छा गई अनुराधा पौडवाल की आवाज
अनुराधा पौडवाल ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 1973 में आई अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी स्टारर फिल्म ‘अभिमान’ से की थी। लेकिन उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1976 में सुभाष घई ने अपनी फिल्म ‘कालीचरन’ में दिया था। इसके बाद अनुराधा ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 80 के दशक में जब कैसेट टेप का कल्चर बढ़ने लगा, यही वो दौर था जब पुराने गायकों के गीत रीक्रिएट करने का कल्चर पनप रहा था। ऐसे ही कल्चर की ‘क्वीन’ बनकर उभरीं गायिका अनुराधा पौडवाल। टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार के साथ मिलकर अनुराधा ने अपनी गायकी से कंपनी को नए आयाम तक पहुंचाया। भक्ति गीतों में अनुराधा का कोई सानी ही नहीं था।
गुलशन कुमार के साथ थे करीबी संबंध
सफलता ने अनुराधा के ऐसे कदम चूमे कि ‘आशिकी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’ और ‘बेटा’ जैसी फिल्मों के लिए उन्हें लगातार तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड दिए गए। इस दौरान अनुराधा गुलशन कुमार की भी पसंदीदा गायिका बन गईं। इंडस्ट्री में ऐसी खबरों ने आग पकड़ी कि गुलशन कुमार और अनुराधा के बीच कुछ पक रहा है। हालांकि इस पर किसी ने भी खुलकर कुछ नहीं कहा।
इस फैसले से गिरा करियर ग्राफ
एक दिन ऐसी खबरें आई कि, वो सिर्फ टी-सीरीज के लिए ही गाने गाएंगी। अनुराधा के इस फैसले से लोगों को लगने लगा कि वाकई गुलशन कुमार और अनुराधा पौडवाल के बीच अफेयर की खबरें झूठीं नहीं हैं। हालांकि उनके इस फैसले ने अनके करियर ग्राफ को गिरा दिया।
गुलशन कुमार की मौत के बाद भजन गाने लगीं
गुलशन कुमार की मौत के बाद तो उन्होंने फिल्मी गाने गाना छोड़ ही दिए। फिर वो सिर्फ भजन गाने लगीं। आज भी अनुराधा पौडवाल के भजन खूब सुने जाते हैं। साल 2017 में उन्हें पद्मश्री अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है।…Next
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