आजकल फिल्म पद्मावती को लेकर पूरे देश में बवाल हो रहा है, ऐसे में कई लोग इस फिल्म को बैन करने के मांग कर रहे हैं। लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब किसी विवाद के कारण फिल्म को बैन करने की बात की गई हो। हिंदी सिनेमा के इतिहास में ऐसे कई मौके आए जब फिल्म को लेकर विवाद हुए और सेंसर बोर्ड ने किसी फिल्म पर बैन लगा दिया। तो चलिए जानते हैं उन फिल्मों के बारे में जिन्हें बैन कर दिया गया।
1. आंधी (1975)
संजीव कुमार और सुचित्रा सेन की इस क्लासिक फिल्म पर देश में इमरजेंसी के दौरान रोक लगा दी गई थी। फिल्म में सत्तासीन लोगों के रसूख को दिखाया गया है। इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए इस बैन को बाद में सत्ता में आई जनता पार्टी ने हटा दिया। फिल्म को 1977 में रिलीज किया गया।
2. किस्सा कुर्सी का (1977)
यह एक राजनीतिक कटाक्ष थी। जिस पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इमरजेंसी का हवाला देकर रोक लगा दी। संजय गांधी के समर्थकों ने सेंसर बोर्ड से इस फिल्म की मास्टरकॉपी ले ली थी और उसे आग के हवाले कर दिया था। बाद में इस फिल्म को फिर बनाया गया।
3. बैंडिट क्वीन (1994)
शेखर कपूर की यह फिल्म डाकू से राजनेता बनी फूलन देवी के जीवन पर आधारित है। फूलन देवी के फिल्म के तथ्यों और कहानी को चुनौती दी थी, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने इसके प्रसारण पर कुछ दिनों के लिए पाबंदी लगा दी थी।
4. ब्लैक फ्राइडे (2005)
साल 1993 के मुंबई बम धमाकों पर आधारित इस फिल्म के रिलीज पर बंबई हाई कोर्ट ने अंडर ट्रायल को लेकर दाखिल लॉसूट पर सुनवाई तक रोक लगा दी। यह फिल्म 28 जनवरी 2005 को रिलीज होनी थी। प्रोड्यूसर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली, जिसके बाद फिल्म 9 फरवरी 2007 को रिलीज हुई।
5. मोहल्ला अस्सी (2016)
सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया। इसमें वाराणसी शहर को तीर्थयात्रियों के व्यवसायीकरण के तौर पर दिखाया गया है। साथ ही बताया गया कि एक सीन में भगवान शिव की गलत छवि पेश की गई है। यह फिल्म अभ तक रिलीज नहीं हुई है।…Next
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